Last Updated on March 4, 2021 by Skillslelo
आज के समय में Computer एकमात्र ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (Electronic Device) है जिसका उपयोग लगभग हर क्षेत्र में हो रहा है।
इसी कारण आज के युग को Information Technology का युग कहा जाता है।
आज कंप्यूटरों का उपयोग न केवल इंजीनियर और साइंटिस्ट करते हैं बल्कि दुनिया के लाखों-करोड़ों आम लोग भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसलिए आज कंप्यूटर के बारे में जानना और इसे सीखना बहुत आवश्यक हो गया है।
इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको आसान Hindi भाषा में Computer के बारे में बेसिक जानकारी (Bsic Knowledge) देने जा रहा हूं जैसे-
कंप्यूटर क्या है, कंप्यूटर कितने प्रकार का होता है, कंप्यूटर कैसे करता है आदि।
What is a Computer?
What is a Computer? / Computer kya hai?
Computer एक अंग्रेजी शब्द है जिस का Hindi में Meaning होता है ‘गणना करना‘।
इसका मतलब कंप्यूटर एक कैलकुलेटर (गणक यंत्र) है।
लेकिन कंप्यूटर को सिर्फ गणना करने वाली मशीन कहना गलत होगा क्योंकि कंप्यूटर गणना के अलावा और भी सैकड़ों तरह के कार्य करता है।
आप कंप्यूटर का उपयोग दस्तावेज़ों को टाइप करने, ईमेल भेजने, गेम खेलने और वेब ब्राउज़ करने के लिए कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त आप कंप्यूटर का उपयोग Spreadsheet, Presentation और यहां तक कि Video बनाने या Edit करने के लिए भी कर सकते हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि:
कंप्यूटर एक Multipurpose इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो विभिन्न प्रकार की सूचना या डेटा (Text, Audio, Video, Image etc) में हेरफेर (Manipulation) कर सकती है।
इसमें डेटा को Store करने, retrieve करने और Process करने की क्षमता होती है।
Computer को Hindi में संगणक कहते हैं।
Father of Computer
कंप्यूटर के जनक
Charles Babbage
कुछ लोग Charles Babbage को Father of Computer कहते हैं।
चार्ल्स बैबेज ने Analytical Engine का आविष्कार किया था।
यह एक मैकेनिकल मशीन है थी। इस मशीन की मुख्य विशेषता यह थी कि इसके 5 मुख्य भाग थे- Input, Store, Mill, Control and Output Unit।
इस मशीन को आधुनिक कंप्यूटरों का शुरुआती प्रारूप माना जाता है। इस मशीन का प्रयोग कैलकुलेशन में किया जाता था।
Full Form of Computer
Computer शब्द कोई संक्षिप्त रूप (Abbreviation) नहीं है जिसका Full Form हो।
हालांकि कंप्यूटर क्या है , यह समझने और याद रखने के लिए लोगों के बीच Computer का निम्न Full Form बहुत पॉपुलर है –
C– Common
O– Operating
M– Machine
P– Particularly
U– Used in
T– Trade & Technology
E– Education and
R– Research
Types Of Computer
कंप्यूटर क्या होता है?, यह जानने के बाद आइए अब जानते हैं कि कंप्यूटर कितने प्रकार का होता है।
Personal Computers
जब हम कंप्यूटर के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले जिस कंप्यूटर की तस्वीर हमारे दिमाग में आती है। वह है- पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer)।
पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer) को संक्षिप्त में PC भी कहते हैं।
इस प्रकार के कंप्यूटर को व्यक्तिगत (Personal) कहा जाता है क्योंकि यह केवल एक व्यक्ति को एक समय में उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
पर्सनल कंप्यूटर कई श्रेणियों में आते हैं जो एक दूसरे से उनके आकार से भिन्न होते हैं।
1. Desktop PC (डेस्कटॉप पीसी):
यह कंप्यूटर एक डेस्क पर उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है इसीलिए इसको Desktop PC कहते हैं।
इस प्रकार के कंप्यूटर में एक बड़ा सा बॉक्स होता है जिसे सिस्टम यूनिट (System Unit) कहा जाता है जिसमें अधिकांश आवश्यक Components लगे होते हैं।
और एक अलग मॉनिटर, कीबोर्ड और माउस होता है जिनको सिस्टम यूनिट में प्लग करते हैं।
2. Notebook PC (नोटबुक पीसी):
यह एक पोर्टेबल कंप्यूटर होता है जिसे कहीं भी ले जाने के लिए डिजाइन किया जाता है।
इसे आप एक नोटबुक की तरह मोड़ सकते हैं।
इस प्रकार के कंप्यूटर को लैपटॉप (Laptop) भी कहा जाता है।
3. Tablet PC (टैबलेट पीसी):
यह भी एक पोर्टेबल कंप्यूटर होता है जिसमें एक टच-सेंसिटिव डिस्प्ले स्क्रीन होती है, जो प्लास्टिक के फ्रेम पर माउंट होती है, जिसमें एक छोटा कंप्यूटर होता है।
कोई In-built कीबोर्ड या पॉइंटिंग डिवाइस नहीं है लेकिन जरूरत पड़ने पर सॉफ़्टवेयर-आधारित कीबोर्ड ऑनस्क्रीन पॉप अप हो जाता है।
और स्क्रीन पर आपकी उंगली पॉइंटिंग डिवाइस के रूप में कार्य करती है।
Multi-User Computers
Multi-User Computer इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि इस पर एक साथ बहुत से लोग कार्य कर सकते हैं।
इस पर एक छोटे से कार्यालय से एक विशाल अंतर्राष्ट्रीय Company तक के सभी Departments लोग एक साथ कार्य कर सकते हैं।
1. Server (सर्वर):
यह एक Multi-User कंप्यूटर होता है जो अपने नेटवर्क में आने वाले सभी अन्य कंप्यूटर को नेटवर्क की सेवाएं और आवश्यक सूचनाएं प्रदान करता है।
आम तौर पर, सर्वर का उपयोग डेटा के भंडारण स्थान तक पहुंचने और प्रिंटर और स्कैनर जैसे सामान्य उपकरणों को साझा करने के लिए किया जाता है।
एक छोटा नेटवर्क सर्वर एक डेस्कटॉप पीसी की तरह दिख सकता है, लेकिन इसमें एक अलग ऑपरेटिंग सिस्टम होता है, जैसे कि विंडोज सर्वर (Windows Server) या लिनक्स (Linux)।
2. Mainframe (मेनफ्रेम):
यह एक बड़ा और शक्तिशाली कंप्यूटर होता है जो बड़ी मात्रा में व्यावसायिक डेटा को Process करने और Store करने में सक्षम है।
जैसे टिकट रिजर्वेशन के लिए भारतीय रेल मेनफ्रेम कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं।
मेनफ्रेम Computer अपने आप में एक बड़ी कैबिनेट या अलमारी की तरह होते हैं।
एक मेनफ्रेम को अपने स्वयं के वातानुकूलित कमरे में रखा जा सकता है और इसकी निगरानी और रखरखाव के लिए कई व्यक्तियों की आवश्यकता हो सकती है।
3. Supercomputer (सुपरकंप्यूटर):
एक Supercomputer कंप्यूटर का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली प्रकार है।
यह बड़े कमरे और यहां तक कि एक इमारत के पूरे फर्श पर कब्जा कर सकता है।
सुपर कंप्यूटर अक्सर कोड-ब्रेकिंग, आणविक मॉडलिंग, मौसम पूर्वानुमान और जलवायु मानचित्रण जैसे क्षेत्रों में नियोजित होते हैं।
सुपरकंप्यूटर आमतौर पर उच्च-तकनीकी शैक्षणिक, सरकारी और वैज्ञानिक अनुसंधान सुविधाओं में उपयोग किया जाता है।
एप्लीकेशन के आधार पर कंप्यूटर के निम्न प्रकार हैं –
1. Analog Computer
Analog Computer भौतिक मात्राओं (करंट, वोल्टेज , दाब आदि) को मापने का कार्य करते हैं।
एनालॉग कंप्यूटर का प्रयोग विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में किया जाता है।
क्योंकि इन क्षेत्रों में परिमाण का अधिक प्रयोग होता है।
इस प्रकार के कंप्यूटर द्वारा दिए गए आउटपुट को गिना (Count) या बदला (Change) नहीं जा सकता।
इसके उदाहरण हैं;
Ammeter, Voltmeter आदि
2. Digital Computer
इस प्रकार के कंप्यूटर में Data को बायनरी में प्रोसेस किया जाता है। अधिकांश कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर ही होते हैं
3. Hybrid Computer
वे कंप्यूटर जो एनालॉग और डिजिटल दोनों की समान विशेषता रखते हैं, उनको हाइब्रिड कंप्यूटर कहते हैं।
उदाहरण – पेट्रोल पंप पर मूल्य बताने वाली मशीन
How does a computer work?
कंप्यूटर कैसे कार्य करता है?
कंप्यूटर Input को Process करके Output प्रदान करता है।
जब आप Input Device जैसे- कीबोर्ड की मदद से Data या Command कंप्यूटर में डालते हैं तो वह प्रोसेसिंग यूनिट में चला जाता है जहां Processor उसे Process कर उसका परिणाम (Output) कंप्यूटर की स्क्रीन पर दिखाता है।
और आप चाहें तो इस Output को जब तक जरूरत ना हो तब तक उसे स्टोरेज डिवाइस जैसे- हार्ड डिस्, मेमोरी कार्ड आदि में स्टोर कर रख सकते हैं।
Input (इनपुट): कंप्यूटर के वे भाग ( कंपोनेंट्स) जो मनुष्यों को कंप्यूटर में डेटा या कमांड डालने में मदद करते हैं, उनको Input Device कहते हैं।
इसके अंतर्गत कीबोर्ड, माउस और टच स्क्रीन आदि आते हैं।
Processing (प्रसंस्करण): वह कंपोनेंट जो डेटा को अंदर ले जाते हैं और Process करते हैं।
मदरबोर्ड और इसके प्रोसेसर और मेमोरी चिप्स इस श्रेणी में आते हैं।
Output (आउटपुट): वह कंपोनेंट जो Processing के Output प्रदान करते हैं, उनको Output Device कहते हैं।। मॉनिटर प्राथमिक आउटपुट डिवाइस है; इसके अंतर्गत प्रिंटर और स्पीकर आदि आते हैं।
Storage (स्टोरेज): ऐसे कंपोनेंट्स जो सॉफ्टवेयर और डेटा को तब तक स्टोर करते हैं, जब तक उसकी जरूरत न हो।
स्टोरेज कंपोनेंट्स में हार्ड ड्राइव, USB फ्लैश ड्राइव और डीवीडी शामिल हैं।
Features of Computer
कंप्यूटर की विशेषताएं
1. Speed (गति):
कंप्यूटर किसी भी कार्य को बहुत तेजी से कर सकता है। कंप्यूटर बड़ी बड़ी संख्या संख्याओं का गुणा भाग जोड़ घटाना कुछ ही सेकंड में कर सकता है।
यह लाखों Instructions केवल 1 सेकंड में Process कर सकता है। Computer की स्पीड को gigahertz (GHz) में मापा जाता है।
2. Accuracy (शुद्धता):
कंप्यूटर आपका सभी काम बिना गलती के करता है।
अगर आपको 100 बड़ी-बड़ी संख्याओं का गुणा करने के लिए कहा जाए तो आप इसमें गलती करने की संभावना है
लेकिन कंप्यूटर इस काम को बिना किसी गलती के पूरा कर सकता है।
कंप्यूटर गलती तभी करता है जब आप उसे गलत इनपुट देते हैं अन्यथा स्वयं कोई गलती नहीं करता।
कंप्यूटर Garbage In Garbage Out ( GIGO ) के नियम पर काम करता है।
मतलब यदि आप कंप्यूटर को गलत आंकड़े देते हैं तो कंप्यूटर भी गलत ही परिणाम देता है।
3. Automation (स्वचालन):
कंप्यूटर स्वचालित मशीन है। यह बहुत सारे कार्य को बिना मानव के हस्तक्षेप के पूरा कर सकती है।
Generations of Computer
कंप्यूटर की इतिहास को विकास के आधार पर हम पांच पीढ़िओं में विभाजित कर सकते हैं
प्रत्येक पीढ़ी को एक महत्वपूर्ण तकनीकी विकास द्वारा परिभाषित किया जाता है जो मौलिक रूप से बदलता है कि कंप्यूटर कैसे संचालित होते हैं
First Generation
Vacuum Tubes (1940 – 1956)
पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग सर्किट्री और चुंबकीय ड्रम का उपयोग मेमोरी के लिए किया गया था।
इसी कारण पहली पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत बड़े हुआ करते थे और कई कमरे के बराबर जगह लेते थे।
बहुत ज्यादा heat पैदा करते थे और बहुत बिजली खाते थे।
First Genertion के कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग के लिए language मशीन लैंग्वेज का प्रयोग होता था।
ये कंप्यूटर एक समय में एक समस्या को हल कर सकने में सक्षम थे।
इनपुट के लिए जहां हम आज कीबोर्ड का प्रयोग करते हैं वही First Generation के कंप्यूटर में इनपुट के लिए पंच कार्ड और पेपर टेप का प्रयोग होता था
इस पीढ़ी के दो प्रसिद्ध कंप्यूटर थे- UNIVAC और ENIAC।
Second Generation
Transistors (1956 – 1963)
Second Generation में ट्रांजिस्टर ने वेक्यूम ट्यूब को रिप्लेस कर दिया और इस प्रकार दूसरी की पीढ़ी की शुरुआत हुई।
Transistor वैक्यूम ट्यूब पर एक बड़ा सुधार थे।
हालाँकि, Transistor वैक्यूम ट्यूब से बेहद बेहतर थे, जिससे कंप्यूटर छोटे, तेज, सस्ते और कम बिजली खाने वाले बन गए थे।
लेकिन वे अभी भी इनपुट / प्रिंटआउट के लिए Punched Card पर निर्भर थे।
इस पीढ़ी में Programming Language का थोड़ा विकास हुआ और Binary Language से Assembly Language तक पहुंच गए।
अब प्रोग्राम शब्दों में लिखे जा सकते थे।
Third Generation
Integrated Circuits (1964 – 1971)
Third Generation में ट्रांजिस्टर को छोटा किया गया और उसे सिलीकान चिप (IC) पर रखा गया।
इससे इन Computer की गति और दक्षता में भारी वृद्धि हुई।
इस पीढ़ी में High Level Language जैसे COBOL, PASCAL, BASIC आदि का अब विकास हो चुका था।
ये पहले कंप्यूटर थे जिस पर उपयोगकर्ताओं ने कीबोर्ड और मॉनिटर का उपयोग किया।
और इस पीढ़ी में कंप्यूटर एक बार में कई एप्लिकेशन चलाने में सक्षम बन गए थे।
Fourth Generation
Microprocessors (1972 – 2010)
Fourth Generation में माइक्रोप्रोसेसर बनाकर Intel ने नई क्रांति लाई
चिप-निर्माता कंपनी Intel ने 1971 में Intel 4004 चिप विकसित की, जिसने कंप्यूटर के सभी Components (CPU, मेमोरी, इनपुट / आउटपुट कंट्रोल) को एक चिप पर स्थापित कर दिया।
कहां 1940 के दशक में इन सभी Components से एक कमरा भर जाता था जो अब हाथ की हथेली में फिट हो गया।
माइक्रो प्रोसेसर के प्रयोग से कंप्यूटर की गति और तेज हो गई।
इन छोटे और तेज कंप्यूटर ने नेटवर्किंग को बढ़ावा दिया जिससे इंटरनेट का जन्म और विकास तेजी से हुआ।
Fifth Generation
Artificial Intelligence (2010- Till)
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी Artificial Intelligence पर आधारित है जो कि अभी विकास में है।
Importance of Computer
दोस्तों आज के समय में कंप्यूटर का महत्व काफी बढ़ गया है। कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां पर कंप्यूटर का प्रयोग ना हो रहा हो।
साइंटिस्ट से लेकर आम आदमी तक इसका उपयोग कर रहे हैं।
आइए अब कुछ बड़े क्षेत्रों में इसकी भूमिका के बारे में जान लेते हैं।
1. Computer in Business
अगर किसी क्षेत्र में कंप्यूटर का सबसे अधिक उपयोग होता है तो वह है व्यवसायिक क्षेत्र
व्यवसाय अपने दैनिक कार्यों जैसे- वेतन की गणना करने, पत्र लिखने, ईमेल करने, इनवॉइस बनाने, प्रिंट करने, डॉक्यूमेंट स्कैन करने, विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट बनाने आदि के लिए कंप्यूटर का उपयोग करते हैं।
कंप्यूटर का उपयोग व्यवसाय में विनिर्माण (manufacturing), विपणन (marketing) और वितरण प्रक्रिया (distribution process) को स्वचालित करने के लिए किया जाता है।
कंपनियों के पास बहुत सारे कार्य हैं जिनमें कंप्यूटर का प्रयोग होता है अनुसंधान, उत्पादन, वितरण, विपणन, बैंकिंग, टीम प्रबंधन, व्यवसाय स्वचालन, डेटा भंडारण, कर्मचारी प्रबंधन में।
और कंप्यूटर उच्च गुणवत्ता के साथ कम समय में उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं।
कंप्यूटर व्यवसाय को Microsoft word, excel, lower PowerPoint और tally टैली जैसे कंप्यूटर Software द्वारा ग्राहक डेटा और सूचनाओं को इकट्ठा करने और व्यवस्थित करने में मदद करते हैं।
कंप्यूटर इंटरनेट का उपयोग करके ग्राहक के साथ तेजी से संवाद करने में मदद करता है।
व्यवसाय कंप्यूटर की मदद से एडोब फोटोशॉप, कोरल ड्रा, ऑनलाइन डिजाइनिंग टूल्स का उपयोग करके मार्केटिंग और विज्ञापन सामग्री तैयार करते हैं।
व्यवसाय के लिए वेबसाइट बनाने के लिए कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है।
2. Computers in Banking
आज के समय में बैंकों में अधिकांश काम कंप्यूटर पर होते हैं
जब आप किसी बैंक की शाखा में जाते हैं तो वहां आप देखते हैं कि कर्मचारी कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं,
वे नकदी निकासी, स्थानांतरण, नकद जमा और चेक आदि का प्रबंधन कर रहे हैं। वे उन विवरणों को डायरी में और कंप्यूटर Software पर भी लिख रहे हैं।
बैंकों में उपयोग होने वाले अधिकांश कंप्यूटर एप्लिकेशन को इंटरनेट एक्सेस की आवश्यकता होती है और अन्य ऑफ़लाइन होते हैं जैसे कि Microsoft Office।
कंपनियां कंप्यूटर से NEFT, IMPS, RTGS आदि के माध्यम से अपने कर्मचारियों की सैलरी सीधे अकाउंट में ट्रांसफर कर दे देती हैं
3. Computers in Education
J.T. फाउट्स के अनुसार, शिक्षा क्षेत्र में कंप्यूटर का पहला उपयोग 1970 में हुआ।
लेकिन, अब कंप्यूटर और इसकी तकनीक दुनिया भर के लगभग हर शैक्षणिक संस्थान में इस्तेमाल होती है।
कंप्यूटर का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में निम्न तरीकों से किया जा रहा है
Distance Learning: कंप्यूटर और संबंधित तकनीकों का उपयोग विभिन्न तरीकों से सीखने में किया जा रहा है
जैसे कि टेलीकॉन्फ्रेंसिंग, वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग, ऑडियो ग्राफिक्स, टेलीटेक्स्ट, वीडियो टेक्स्ट, मल्टीमीडिया और हाइपरमीडिया, ई-बुक्स, ऑनलाइन डेटाबेस, ऑनलाइन चर्चा, पाठ्यक्रम में ऑन-डिमांड कॉल आदि।
• कम लागत
• समय और स्थान से स्वतंत्र
• पाठ्यक्रम सामग्री के बड़े पैमाने पर उत्पाद से परिणाम के माध्यम से गुणवत्ता शिक्षा
• इसके बहुत सारे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं
On-Line examination: आज कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन एग्जाम लिए जा रहे हैं और लोग एग्जामिनेशन के लिए फॉर्म ऑनलाइन भर रहे हैं
Computer-Aided Learning: कंप्यूटर के साथ प्रोजेक्टर और PowerPoint प्रेजेंटेशन की मदद से छात्रों को पढ़ाया जा रहा है
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