IP Address In Hindi [Definition, Types & Uses]

Last Updated on May 8, 2021 by Skillslelo

दोस्तों, आइए सरल Hindi में जानते हैं कि IP Address क्या होता है। यह कितने प्रकार (Types) का होता है और इसके क्या उपयोग (Uses) हैं।

जिस प्रकार हमें किसी दोस्त के पास लेटर भेजने के लिए उसके पते (Address) की जरूरत होती है,  उसी प्रकार किसी Network के अंतर्गत एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस को डाटा (Data) भेजने के लिए डिवाइस का Address चाहिए होता है।

एक नेटवर्क के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की डिवाइसों जैसे- Computer, Router  आदि को असमान रूप से पहचानने के लिए  प्रत्येक को अलग-अलग Unique Address दिया जाता है।

इस प्रक्रिया को नेटवर्किंग की भाषा में ऐड्रेसिंग (Addressing) कहते हैं।

ऐड्रेसिंग  मुख्यतः दो प्रकार की होती है।

  1. Physical Address
  2. Logical Address

1. Physical Address

किसी नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक Device में NIC (Network Interface Card) का प्रयोग किया जाता है जिस पर एक एड्रेस Printed होता है जिसको Physical Address, Hardware address या Mac Address कहते हैं। 

mac Address

Mac Address मुख्य रूप से डिवाइस निर्माताओं (Device Manufactures) द्वारा Assign किए जाते हैं।

Mac Address एक 12-अंकीय हेक्साडेसिमल संख्या है जिसे ज्यादातर कोलोन-हेक्साडेसिमल नोटेशन द्वारा दर्शाया जाता है।

Mac Address के पहले 6 अंकों  डिवाइस निर्माता की पहचान करता है और बाद के छह अंक NIC का प्रतिनिधित्व करते हैं।

2. Logical Address

किसी डिवाइस को दिए गए Logical Address को आईपी एड्रेस (IP Address)  कहा जाता है।

IP ‘Internet Protocol’ का संक्षिप्त रूप है।

IP Address  एक Unique Address  है जो इंटरनेट या स्थानीय नेटवर्क से जुड़े Device की पहचान करता है।

और यह Device आपका कंप्यूटर हो सकता है, Mobile हो सकता है, Router हो सकता है या अन्य कोई डिवाइस हो सकती है।

यह एड्रेस प्रत्येक डिवाइस के लिए अलग-अलग होता है।

IP Address का प्रयोग Network के अंतर्गत सूचनाओं के लेनदेन और डाटा संचार के लिए होता है।

IP Addresses  Internet Assigned Numbers Authority (IANA) के द्वारा वितरित किए जाते हैं। 

IP Address Version

 IP Address के दो Version है।

  1. IPv4 (Internet Protocol Version-4)
  2. IPv6 (Internet Protocol Version-6)

IPv4 (Internet Protocol Version-4)

यह 32 बिट का Address होता है जिसको 4 Block में विभाजित कर सकते हैं। प्रत्येक Block 8 बिट को दर्शाता है जिसको Octet कहते हैं।

ipv4 format & example

IP Address के प्रत्येक Block की न्यूनतम Value (0) अधिकतम  (255) हो सकती है।

IPv4 में कुल 2^32 ऐड्रेस प्राप्त किए जा सकते हैं।

IP Address के पहले ब्लॉक का प्रयोग सामान्यता नेटवर्क की आईडी की पहचान करने के लिए जबकि बाकी ब्लॉक का प्रयोग होस्ट आईडी बताने के लिए करते हैं।

IPv6 (Internet Protocol Version-6)

यह 128 Bits (16 Bytes) का Address होता है जिसे को IPv4  को अपग्रेड करके बनाया गया है। IPv6 में कुल 2^128 ऐड्रेस प्राप्त किए जा सकते हैं।

ipv6 address

IPv6 को तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं –

  •  Global Prefix: यह Network ID के समान होता है। इसका प्रयोग Routing कार्य के लिए करते हैं।
  • Sub Net Mask: इसका प्रयोग नेटवर्क के Sub Network की पहचान करने के लिए किया जाता है।
  • Interface ID: इसकी सहायता से Host को नेटवर्क में असमान रूप से पहचान करने के लिए किया जाता है।

IPv6 की विशेषता यह है कि इसमें एड्रेस की संख्या अधिक होती है और सभी होस्ट को Automatically  के लिए Configure किया जा सकता है।

Types of IP Address

IP Address के मुख्य दो प्रकार हैं –

1. Private IP Address:

Private IP Address वह  IP Addresss  है जो प्राइवेट नेटवर्क में प्रयोग होता है। यह प्राइवेट नेटवर्क के अंतर्गत विभिन्न डिवाइसों जैसे –  कंप्यूटर लैपटॉप स्मार्टफोन प्रिंटर आदि की पहचान करता है।

IANA जो IP Addresss पूरी दुनिया को Distribute करती हैं, उन्होंने कुछ IP Addresses को प्राइवेट नेटवर्क के लिए Reserved कर रखा है। 

IP address range Number of addresses
10.0.0.0 – 10.255.255.255 16777216
172.16.0.0 – 172.31.255.255 1048576
192.168.0.0 – 192.168.255.255 65536

इन Reservd IP Addresses को कोई भी प्राइवेट नेटवर्क बिना किसी समस्या के इस्तेमाल कर सकता है।

मतलब अगर दो या दो से अधिक  Private Networks  इन्हीं Same आईपी एड्रेस को इस्तेमाल करते हैं तो इससे कोई प्रॉब्लम नहीं होगी क्योंकि  प्रत्येक नेटवर्क  एक अलग नेटवर्क है।

अगर कोई प्राइवेट नेटवर्क इंटरनेट से जुड़ना चाहता है तो यह Private IP Address से संभव नहीं है।

इसके लिए उसे एक Public IP Address की आवश्यकता होती है।

2. Public IP Address

Public IP Address वह आईपी एड्रेस है जिसका इस्तेमाल इंटरनेट को एक्सेस करने के लिए किया जाता है।

इंटरनेट एक ग्लोबल नेटवर्क है  और इससे जुड़े प्रत्येक डिवाइस का एक Unique पब्लिक आईपी एड्रेस होता है।

और इसी Public IP Address की वजह से ही आपका कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़े दुनिया के किसी अन्य कंप्यूटर से संवाद कर सकता है।

Public IP Address आपको  ISP से मिलती है और आमतौर पर ISP अपने कस्टमर को एक पब्लिक आईपी प्रदान करता है।

और इसी पब्लिक आईपी से आपके प्राइवेट नेटवर्क के सभी कंप्यूटर इंटरनेट को एक्सेस करते हैं।

Public IP Address के दो रूप हैं – 

1. Dynamic IP Address

Dynamic IP Address  अपने आप (Automatically)  और नियमित रूप से बदलते हैं।

आम लोग जो इंटरनेट की सेवा का उपयोग करते हैं, उनके कंप्यूटर या स्मार्टफोन की  IP Address  Dynamic होती है।

क्योंकि ISP एक बड़ी मात्रा IP Address में खरीदते हैं  और उन्हें अपने ग्राहकों को स्वचालित रूप से असाइन करते हैं।

समय-समय पर, वे उन्हें फिर से असाइन करते हैं और पुराने IP Addresses को अन्य ग्राहकों के लिए उपयोग किए जाने वाले पूल में वापस डालते हैं।

इससे ISP को Cost Saving में मदद मिलती है।

2. Static IP Address

यह IP Address  हमेशा स्थिर रहती है और बदलती नहीं है।

अधिकांश व्यक्तियों और व्यवसायों को एक Static IP Address की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन उन व्यवसायों के लिए जो अपने स्वयं का Server  होस्ट करना चाहते हैं हैं, उनके पास होना Static IP Address  आवश्यक है।

Static IP Address अलग से आपको ISP से खरीदनी पड़ती है।

Website IP Address

क्योंकि एक Server को होस्ट करने में काफी पैसा लगता है इसलिए सभी Website Owners के पास  खुद का सरवर नहीं होता है।

ऐसे Website Owners किसी Web Hosting कंपनियों से Web Hosting Plan खरीदते हैं।

एक वेब होस्टिंग कंपनी वेबसाइट के लिए दो प्रकार की IP Address  उपलब्ध कराती है।

1. Shared IP Address

Shared IP Address वह आईपी एड्रेस होता है जिससे कई सारी वेबसाइटें Map की जाती हैं।

आजकल Shared IP Address अधिकांश होस्टिंग प्रदाताओं के बीच काफी आम है क्योंकि Shared IP Address सर्वर पर कई साइटों के लिए उपयोग किया जाता है।

अतः एक साइट के मालिक की हरकतें उस IP को सर्वर पर Share करने वाले सभी की IP Reputation को प्रभावित कर सकती हैं।

2. Dedicated IP Address

यह IP Address होता है जिसको केवल आपकी वेबसाइट उपयोग करती है। 

वास्तव में, यदि कोई अपने इंटरनेट ब्राउज़र के Search Bar में आपके  Domain Name के बजाय आपका Dedicated IP Address  टाइप करता है, तो भी आप की वेबसाइट Open हो जाएगी।

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